2024 के अंत तक भारत की कुल बिजली उत्पादन क्षमता लगभग 452.69 GW तक पहुंच गई है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का बड़ा योगदान है। देश में बिजली की मांग 7% से अधिक की CAGR दर से बढ़ने की उम्मीद है, जिसे इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs), डेटा सेंटरों के विस्तार और रेलवे विद्युतीकरण जैसी परियोजनाओं से बल मिल रहा है। अनुमान है कि 2029 तक पीक डिमांड लगभग 318 GW तक पहुंच जाएगी।
आइए, ऐसे 4 पावर स्टॉक्स पर नजर डालते हैं, जिनका PEG (Price/Earnings to Growth) रेशियो 1 से कम है और जिन्हें निवेशकों की वॉचलिस्ट में शामिल किया जा सकता है।
1. BF Utilities Limited
- मार्केट कैप: ₹3,314.7 करोड़
- शेयर प्राइस (BSE): ₹934 (1% की बढ़त)
- PEG रेशियो: 0.86
- पिछले 1 वर्ष का रिटर्न: +52.3%
- YTD रिटर्न: -5%
BF Utilities का मुख्य कारोबार पवनचक्कियों के जरिए बिजली उत्पादन और इंफ्रास्ट्रक्चर गतिविधियों में है। Q2 FY25 में कंपनी की ऑपरेशनल रेवेन्यू मामूली बढ़कर ₹221 करोड़ हो गई, जो सालाना आधार पर 1.4% की वृद्धि है। वहीं, नेट प्रॉफिट 4.6% बढ़कर ₹91 करोड़ पर पहुंच गया।
2. Tata Power Company Limited
- मार्केट कैप: ₹1.13 लाख करोड़
- शेयर प्राइस (BSE): ₹355.1 (3.3% की गिरावट)
- PEG रेशियो: 0.42
- ROE: 11.3%
- ROCE: 11.1%
टाटा पावर भारत की सबसे बड़ी वर्टिकली-इंटीग्रेटेड पावर कंपनी है। यह बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण के साथ-साथ सोलर रूफ टॉप्स का निर्माण करती है। कंपनी का लक्ष्य 2025 तक 1 लाख EV चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना है। Q2 FY25 में, कंपनी की ऑपरेशनल रेवेन्यू ₹15,698 करोड़ रही, जिसमें सालाना आधार पर 0.3% की वृद्धि दर्ज हुई। वहीं, नेट प्रॉफिट 7.5% बढ़कर ₹1,093 करोड़ हो गया।
3. TD Power Systems Limited
- मार्केट कैप: ₹6,393.3 करोड़
- शेयर प्राइस (BSE): ₹419.95 (0.7% की बढ़त)
- PEG रेशियो: 0.46
- ROE: 18.1%
- ROCE: 25.4%
TD Power Systems AC जनरेटर और इलेक्ट्रिक मोटर्स का निर्माण करती है। Q2 FY25 में कंपनी की ऑपरेशनल रेवेन्यू ₹306 करोड़ हो गई, जिसमें 11.7% की वृद्धि दर्ज हुई। नेट प्रॉफिट 24.2% बढ़कर ₹41 करोड़ तक पहुंच गया।
4. Jaiprakash Power Ventures Limited
- मार्केट कैप: ₹11,102.6 करोड़
- शेयर प्राइस (BSE): ₹16.95 (0.5% की बढ़त)
- PEG रेशियो: 0.18
- ROE: 12.8%
- ROCE: 14%
Jaiprakash Power Ventures थर्मल और हाइड्रो पावर जेनरेशन, सीमेंट ग्राइंडिंग और कैप्टिव कोल माइनिंग के कारोबार में सक्रिय है। Q2 FY25 में कंपनी की ऑपरेशनल रेवेन्यू ₹1,226 करोड़ रही, जो सालाना आधार पर 9.2% की गिरावट है। हालांकि, नेट प्रॉफिट 165% बढ़कर ₹183 करोड़ हो गया।
निष्कर्ष
ऊर्जा क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाओं और बढ़ती मांग के चलते, ये स्टॉक्स आकर्षक निवेश विकल्प बन सकते हैं। इन कंपनियों का PEG रेशियो 1 से कम है, जो इनकी संभावित अंडरवैल्यूएशन को दर्शाता है।
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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।
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